उद्धार का आश्वासन
बधाई हो , आप स्वर्गीय पिता के संतान हैं , ( प्रेरितों 17:28-29)! यहाँ से आगे , आप परमेश्वर के साथ एक नए सम्बन्ध में हैं और परमेश्वर के सभी प्रतिज्ञाओं को हासिल कर सकते हैं।
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I. हम यीशु के द्वारा कैसे अनंतकाल के जीवन को ग्रहण करते हैं इस बात की समीक्षा करें
A. पाप का परिणाम क्या है ? यशायाह 59:2
B. लोग बहुत से माध्यम के द्वारा परमेश्वर को ढूँढना चाहते हैं , फिर भी वे असफल होते है। क्यों ? इफिसियों 2:8-9
C. परमेश्वर कैसे हमें अपने नज़दीक बुलाते हैं ? 1 पतरस 3:18
II. उद्धार का मार्ग
A. यीशु द्वारा छुटकारा + आपका विश्वास = उद्धार
क्या परमेश्वर ने वह कार्य किया जिसे वे करना चाहते हैं ( मृत्यु और पुनरुत्थान )? हाँ / नहीं
क्या जो कार्य आपको करने की आवश्यकता है उसे आपने किया है ( विश्वास और पश्चताप )? हाँ / नहीं
विश्वास किया है , तब आपने उद्धार प्राप्त किया है !
B. जो यीशु के पीछे चलने का निर्णय लेते हैं के लिए क्या प्रतिज्ञा है ?
- युहन्ना 10:28
अनंत काल की जीवन का अर्थ सिर्फ यह नहीं कि आप हमेशा के लिए जीवित रहे ; परमेश्वर के साथ जीवन जीने का अर्थ यह भी है कि हम पवित्रता , धार्मिकता , कृपा , और सामर्थ्य के साथ जीवन जिए। हम अनंत काल तक परमेश्वर के आशीषों को बटोरेंगे !
C. मसीह पर विश्वास करने का अर्थ सिर्फ यह नहीं होता कि आप अनंत काल का जीवन प्राप्त करेंगे , लेकिन अभी तुरंत इसी वक्त आपके पास एक नया जीवन है जो आपको शांति , आनंद और खुशी इसी समय अनुभव करने का मौका देता है। और आप भी दूसरों को आशीष देने वाले बन जाएंगे।
III. आपका प्रत्युत्तर
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क्या आप यह जानते हैं कि आप बचाये गए हैं? हाँ/नहीं
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क्या आप यह जानते हैं कि आपने अनंत जीवन प्राप्त किया है? हाँ/नहीं
निष्कर्ष :
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मैं बचाया गया हूँ।
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मैं नहीं बचाया गया हूँ।
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मैं अभी भी नहीं जनता हूँ।
IV. इसलिए यदि कोई मसीह में स्थित है तो अब वह परमेश्वर की नयी _____ का अंग है। _________ जाती रही हैं। सब कुछ ______ हो गया है (2 कुरुन्थियों 5:17)
बचाये गए बदल जायेंगे , क्या आपने दिए गए अनुभव में से किसी का अनुभव किया है ?
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अंदरुनी शांति
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पाप का बोध
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निरंतर परमेश्वर के प्रेम अनुभव करना
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पवित्रशास्त्र पढ़ने की इच्छा
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पाप क्षमा की शांति
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पाप को पराजित करने की क्षमता
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बेहतर बनने का स्वभाव
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दूसरों की परवाह करना
V. यदि आप दुबारा पाप करेंगे , तो क्या आप फिर भी बचाये गए है ?( इब्रा 6:4-8; 10:26)
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1 युहन्ना 1:9
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1 युहन्ना 1:6-7
VI. आनंद से अपने आत्मिक जन्म पत्री भरें।
दिनांक ______ ( वर्ष ) ______ ( माह ) ______ ( दिन ), मैं यीशु को अपने जीवन में उद्धार करता के रूप में ग्रहण करता हूं। उसने मेरे पापों को को क्षमा किया , मेरा प्रभु बन गया और मेरे जीवन का नियंत्रण अपने हाथ में लिया।अब मैं परमेश्वर का संतान बन चुका हूं और एक नई सृष्टि बन चुका हूं। उसके पीछे चलने का एक नए जीवन का मैंने शुरूआत किया है
स्ताक्षर :
VII. पवित्रशास्त्र के वचन कंठस्त करना।
“ वह जो उसके पुत्र को धारण करता है , उस जीवन को धारण करता है। किन्तु जिसके पास परमेश्वर का पुत्र नहीं है , उसके पास वह जीवन भी नहीं है। ” 1 यूहन्ना 5:12.
VIII. जब आप इस महान उद्धार को ग्रहण कर लेंगे , आपका जीवन आनंद और शांति से भर जाएगा ! आपको पहला जो काम करना चाहिए वह यह है कि इसे शुभ संदेश को बांटे।
आपने आज क्या सुना और सीखा यह पांच लोगों को बताएं। साथ ही साथ इन सभी लोगों को दूसरों के साथ बताना और दूसरों को प्रशिक्षित करना सिखाए। आने वाले सप्ताहों में पांच व्यक्तियों को सीखना ज़ारी रखें। यह महान समाचार है परमेश्वर की इच्छा है ; वह चाहता है की सभी उद्धार को प्राप्त करें