इस दुनिया में दो ही प्रकार के लोग होते हैं – जो खोये हुए हैं और जिस की मुक्ति हो चुकी है . जो प्रभु येशु को नहीं जानते और उस के साथ सम्बन्ध में नहीं रहते वह खोये हुए हैं . उनको येशु द्वारा मुक्ति की ज़रूरत है . जो प्रभु येशु को जानते हैं उसकी मुक्ति हो चुकी है . उनको ज़रूरी है कि वह जानने कि प्रभु येशु उनसे प्यार करता है और उनको चुन लिया है ताकि उन्ही के द्वारा जो कोई उनसे रिश्ते रखते हैं प्रभु येशु को जान पाए . लेकिन ऐसा भी होता है कि जो प्रभु येशु को जानते हैं दूसरों को जिससे रिश्ते रखते हैं प्रभु येशु के बारे में कैसे बताना नहीं जानते . इस विषय में उनको प्रशिक्षण की ज़रूरत है ताकि वह दूसरों को भी सिखा सकते हैं कि प्रभु येशु के बारे में कैसे खोये हुओं लोगों को बताये जा सके .
सबसे पहले दो नाम की सूचि बनाना चाहिए . किसी छोटी नोट बुक या अपने कम्प्युटर या मोबाईल में लिख सकते हैं .
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खोये हुओं की सूचि – उन सब के नाम लिखिए जो आप से रिश्ते रखते हैं और खोये हुए हैं. उनमें से आप के रिश्तेदार, दोस्त और पड़ोसी हो सकते हैं.
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मुक्ति पाए हुओं की सूचि – उन सब के नाम लिखिए जो आप से रिश्ते रखते हैं और मुक्ति पा चुके हैं जिसको आप सिखा सकते हैं ताकि वे औरों को भी सिखा सकते हैं कि खोये हुओं को प्रभु येशु के बारे कैसे बता सकते हैं.
इस सूचि का इस्तेमाल करते हुए हर दिन इन सब लोगों का नाम ले ले कर उनके विषय में विस्तार से प्रार्थना करिए . उनके विषय में परमात्मा से बात करिए और उनकी क्या क्या ज़रूरत है प्रभु को बताइए . अगर खोये हुए है और उनके ह्रदय कठोर है प्रभु से प्रार्थना करिए कि उनके कठोर ह्रदय मुलायम हो जाए . अगर घायल मन का है और हठी है तो उसके बारे में प्रभु से बात करिए . जो भी उनकी ज़रूरत है उसके विषय में विस्तार से प्रभु से बात करिए . जिनको सिखाना है उन के लिए भी ऐसे ही करिए . उनके विषय में विस्तार विस्तार से प्रभु से प्रार्थना करिए . अगर आप को ऐसा लगता है कि वे डरते हैं तब उस के विषय में प्रभु से प्रार्थना करिए कि प्रभु उनका डर दूर करे . अगर आप को मालू है कि पिछले दिनों में इतना फल नहीं ला पायें तो प्रभु से प्रार्थना करिए कि वह उनको फलदार बना दे . प्रार्थना करिए . प्रार्थना करिए . प्रार्थना करिए . तब आप के सूचि में से कम से कम पांच लोगों को चुन लीजिये जिनको आप अगले हफ्ते को प्रभु येशु के बारे में बताएँगे और जिनको आप सिखायेंगे .