प्रभु येशु की कहानी

प्रभु येशु की कहानी कई प्रकार से सुनाना सीखना ज़रूरी है .  अगर जिन लोगों से सुनाना है उनके पास कम समय है तो प्रभु येशु की कहानी छोटे रूप में सुनाइये .  अगर उनके पास काफी समय है तो उनको लम्बे रूप में सुनाइये . 

लेकिन हर बार सुनाने के बाद ये सवाल ज़रूर पूछिये .

  • क्या आप विश्वास करते हैं कि प्रभु येशु आप के लिए मारा ?

अगर हाँ तब पूछिये – क्या आप प्रार्थना करना चाहते है कि प्रभु येशु आप के जीवन में आइये और आप माने कि आप को प्रभु येशु की ज़रूरत है ?  आप विश्वास के साथ अपने दिल से प्रार्थना करके मान सकते हैं कि परमात्मा मैंने पाप किया .  मैं मानता हूँ कि मैं पापी हूँ और प्रभु येशु जो मेरे लिए मरा और फिर जी उठा पापों के लिए एक सिद्ध बलिदान है .  मैं पश्चताप करता हूँ और आपसे मेरे पापों के लिए माफ़ी मांगता हूँ .  मैं येशु को अपने जीवन का प्रभु मानता हूँ .  अब से मैं प्रभु येशु के पीछे चलूँगा .  प्रभु येशु के नाम में .  आमेन .

अगर नहीं तब पूछिए – क्या मैं प्रभु येशु के बारे में और बताऊँ ?  क्या मैं इस विषय में और बात करने के लिए मैं आप से दुबारा मिलूं ?

 

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