पाठ 6

सुसमाचार को फैलाना 

अब आप एक मसीही हैं , परमेश्वर के एक संतान हैं , परमेश्वर के परिवार के एक सदस्य हैं। आपके पास उद्धार का आश्वासन है। आप परमेश्वर से सीधे प्रार्थना कर सकते हैं और जब चाहे उस से मिलकर संगति कर सकते हैं और उसके साथ उपासना का समय बिता सकते हैं। आप उसके मंडली के एक सदस्य हैं , आशीषित जन हैं।और अब जब आप परिपक्व हो रहे हैं , आपको वापस परिवार को देना है। परमेश्वर आपको बुलाहट देता है कि आप सुसमाचार फैलाएं और नए विश्वासियों को उसके मार्गों में चलने के लिए आज्ञा मानना सिखाए। तब वह भी और अधिक लोगों को उद्धार के शुभ संदेश सुना पाएंगे और उन्हें प्रशिक्षित ही कर पाएंगे। 

सुसमाचार के चार प्रकार के बुलाहट हैं जिन्हें हमें हर दिन सुनना चाहिए। 

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I. ऊपर से बुलाहट - स्वर्ग से : प्रभु यीशु की आज्ञा। ( यशायाह 6:1-8 – राजा किसी के जाने की बुलाहट देता है ) 

  • मरकुस 16:15

राजा हमें जाने की आज्ञा देता है। यह पर्याप्त है। अपनी ऊँगली ऊपर उठाओ। यह बुलाहट ऊपर से आती है , स्वर्ग से। 

II. नीचे की बुलाहट - नरक से : धनी व्यक्ति की यह याचना की कोई उसके परिवार के साथ सुसमाचार बाँटे। 

  • लूका 16:27-28

में खोए हुए लोग अच्छा आपको बुला रहे हैं कि आप जाकर उनके परिवार के लिए जीवित सदस्यों को उन सावधान करें। क्या आप उनकी आयाज़ सुन पाते हैं ? अपनी उंगली नीचे की ओर करें। यह बुलाहट नीचे की ओर से आती है , नरक से। 

III. अंदर की ओर से बुलाहट : पौलुस सुसमाचार सुनाने के प्रति बद्ध था। 

  • 1 कुरुन्थियों 9:16-17

हमारे अंदर एक आवाज़ जो हमें यह बताती है कि हम गवाह ठहरने के लिए बुलाये गए हैं क्या आप इसे सुन सकते हैं ? अपने ह्रदय की ओर अपने ऊँगली के इशारे करे।यह बुलाहट हमारे अंदर से आता है , हमारे ह्रदय से। 

IV. बाहर की ओर से बुलाहट : पौलुस ने मकिदुनिया से खोये हुओं के द्वारा सहायता की बुलाहट की आवाज़ सुना। 

  • प्रेरितों 16:9

हमारे आस - पास रहने वाले खोए हुए लोग हमें बुला रहे हैं की हम उनकी सहायता करें। वे अपने मुंह से कुछ और कहते हैं लेकिन उनके हृदय हमें पुकार रहे हैं कि हम उनके साथ समाचार बाटें। क्या आप उन्हें सुन पा रहे हैं ? अपनी उंगली बाहर की और दिखाएं। यह बुलाहट हमें बाहर की ओर से मिलती है , हमारे आसपास खोए हुए लोगों के द्वारा। आज प्रत्येक मसीही को यह चाहिए कि अपने जीवन वे अपने आसपास के इन बुलाहट की आयाज़ को सुनकर में तुरंत प्रतिक्रिया दें। अपनी उंगली ऊपर और नीचे , अंदर और बाहर की ओर कुछ बार फेरे और यह चार बुलाहट दोहरायें। 

हमें लोगों को सिर्फ मसीही ही बनने के लिए अगुवाई नहीं देनी चाहिए लेकिन उन्हें सफल प्रशिक्षकों तक ताकि वे भी दूसरों को भी सुसमाचार सुनाने का प्रशिक्षण दे सके इस प्रकार से हम बहुत तेजी से सुसमाचार के संदेश को फैला सकते हैं 

  • 2 तीमुथियुस 2:2

प्रत्येक मसीही के लिए परमेश्वर की इच्छा यह है कि वह कम से कम एक नए समूह का निर्माण करें जो अपने परिवार और मित्रों के साथ सुसमाचार बांटे। परमेश्वर उसके जीवन को बहुतायत से आशीषित करेगा और उसका इस्तेमाल करेगा। 

  • प्रेरितों 2:46-47

आप को तुरंत परमेश्वर के प्रति प्रति उत्तर देकर मसीह के देह के लिए प्रार्थना करनी चाहिए परमेश्वर से यहां माँगे कि इन कार्यों को करने के द्वारा आशीष बनने में वह आपकी सहायता करें 

  1. लोगों को प्रभु पर विश्वास करने के लिए अगुवाई प्रदान करना

  2. कम से कम एक नई मंडली या पारिवारिक समूह की शुरुआत करें (अपने ही घर में या किसी भी स्थान में)

  3. प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण दें (लोग जो इस प्रक्रिया को दोहराएँगे और अपने नए प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण देंगे)

 

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